कारगिल दिवस के दिन कई भारतीयों ने कारगिल में शहीद हुए देश के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की इस बीच शहीदों को याद करके बरखा दत्त भी भावुक हो गयीं और बोलीं, अगर वीसा मिल जाता तो बॉर्डर पार करके दे आती श्रद्धांजलि

बरखा दत्त ने कारगिल युद्ध के वक्त एक बहुत बड़ा योगदान अपनी पत्रकारिता से दिया था, अपनी पत्रिकारिता के दम पे बरखा दत्त बिना किसी देरी के भारतीय सेना के बीच रह कर पल पल की जानकारी पाकिस्तानी आर्मी को दे रही थी जिस वजह से उनके फैंस की मात्रा पाकिस्तान में काफी बढ़ गई थी। ऐसा ही बरखा दत्त ने छब्बीस ग्यारह के समय भी किया था।

बैंगन सूत्रों की माने तो सरकार बरखा दत्त को वीसा और एक तरफ़ की टिकट देने को राज़ी हो गई है।

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