आगामी लोकसभा चुनाव में सत्ताधारी दल एनडीए को चुनौती देने के लिए कई विपक्षी दल एक साथ आ रहे हैं। इसी कड़ी में दिल्ली में इंडिया गठबंधन की आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच लोकसभा की सात सीटों को लेकर बात बनती दिख रही है।
हालांकि अब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की सीट शेयरिंग बस दिल्ली और पंजाब तक सीमित नहीं है। झारखण्ड के मुख्यम्नत्री, हेमंत सोरेन को ED द्वारा अरेस्ट किये जाने के बाद और अरविन्द केजरीवाल को पांचवा समन मिलने के बाद आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से अनुरोध किया है की तिहाड़ में भी सीट शेयरिंग का फार्मूला बनाया जाये।
अरविन्द केजरीवाल के जेल जाने की खबर को लेकर राहुल गाँधी भी पहले बयान दे चुके हैं और उन्होंने दिल्ली कांग्रेस को जल्द सीट शेयरिंग फार्मूला बनाने के आदेश भी दिए थे, मगर इस बार दबाव आम आदमी पार्टी की तरफ से हैं जिनके तीन बड़े नेता पहले से ही तिहाड़ जेल में हैं। सत्येंद्र जैन, मनीष सीसोदिया और संजय सिंह तीनो आर्थिक अपराधों को लेकर जेल में है।
आम आदमी पार्टी का कहना है कि कांग्रेस को अगर सीट शेयरिंग करनी है तो उन सभी जगहों में करनी होगी जहाँ पार्टी की मौजूदगी है, अगर कांग्रेस तिहाड़ में सीट शेयरिंग नहीं करती तो आम आदमी पार्टी भी पंजाब में अकेले चुनाव में उतरेगी।
अगर कांग्रेस आम आदमी पार्टी के दबाव में आ कर तिहाड़ में सीट शेयरिंग फार्मूला बनती है तो आने वाले समय में कोई दो बड़े कांग्रेस नेताओं को तिहाड़ भेजा जा सकता है। ये देखने लायक होगा कि कांग्रेस के कौन से नेताओं की तपस्या में कमी रहेगी।